वाशिंगटन,22 सितम्बर। एक प्रमुख प्रवासी संगठन (इंडियास्पोरा) ने शनिवार को कहा कि H1B कार्यक्रम दुनिया की शीर्ष प्रतिभाओं और कुशल पेशेवरों को आकर्षित करने के लिए अमेरिका का प्रवेश द्वार है, जो न केवल मौजूदा पदों को भरते हैं, बल्कि पूरी तरह से नए आर्थिक पारिस्थितिकी तंत्र का निर्माण करते हैं। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने शुक्रवार को एक घोषणापत्र पर हस्ताक्षर किए, जिसके तहत H1B वीजा शुल्क बढ़ाकर सालाना 1,00,000 अमेरिकी डॉलर किए जाने का प्रावधान है। इंडियास्पोरा ने कहा कि ट्रंप ने यह कदम उठाकर गलती की है क्योंकि इस से ‘वर्क वीजा’ पर आए भारतीय पेशेवर जो कि अमेरिकी अर्थव्यवस्था के बूस्टर हैं, में घबराहट, चिंता और भय उत्पन्न हो गया है। कुछ घंटे बाद, व्हाइट हाउस ने स्पष्ट किया कि नयी H1B वीजा आवश्यकता केवल नयी, संभावित आवेदनों पर लागू होती है, जो अभी तक दायर नहीं की गई हैं, तथा यह मौजूदा वीजा धारकों पर लागू नहीं होती।
गैर-लाभकारी संगठन ‘इंडियास्पोरा’ ने ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, ‘‘H1B धारक ऐतिहासिक रूप से नवाचार के वास्तुकार बन गए हैं। उन्होंने ऐसी कंपनियों की स्थापना की है जो सैकड़ों हजारों अमेरिकी नौकरियां पैदा करती हैं और संघीय, प्रांतीय और स्थानीय सरकारों को कर राजस्व में अरबों का योगदान देती हैं।” वैश्विक भारतीय प्रवासियों पर ध्यान केंद्रित करने वाले संगठन ने कहा कि एच-1बी कार्यक्रम दुनिया की शीर्ष प्रतिभाओं को आकर्षित करने के लिए अमेरिका के प्रवेश द्वार के रूप में कार्य करता है – कुशल पेशेवर जो न केवल मौजूदा पदों को भरते हैं बल्कि पूरी तरह से नए आर्थिक पारिस्थितिकी तंत्र का निर्माण करते हैं।