5 लाख से अधिक गुज्जर बिरादरी के लिए गुज्जर कल्याण बोर्ड क्यों नहीं बनाती मान सरकार: मौलाना अनवर अमृतसरी
पंजाब का मुसलमान सियासी चालों से वाक़िफ़, 2027 के चुनाव में देंगे जवाब
नई दिल्ली, 11 अगस्त । पंजाब के मुख्यमंत्री श्री भगवंत मान की ओर से माइनॉरिटी डिपार्टमेंट से अब्दुल बारी सलमानी को हटाकर जिस तरह से मुस्लिम डेवेलपमेंट बोर्ड में जगह दी गई है, यह समझ से परे है। क्योंकि यह किसी मुस्लिम नेता की तरक्की नहीं बल्कि उनका डिमोशन है। इन विचारों का इज़हार नेशनल ह्यूमन राइट्स सोशल जस्टिस फ्रंट के क़ौमी चेयरमैन, पंजाब केसरी ग्रुप के सीनियर जर्नलिस्ट, मजलिस अहरार-ए-इस्लाम हिंद के नायब सीनियर सदर (पंजाब) और जमीअत उलमा-ए-हिंद के सदस्य मौलाना अनवर अमृतसरी, क़ासमी, नदवी ने मीडिया के सवालों का जवाब देते हुए किया।
मौलाना अमृतसरी ने पंजाब सरकार के इस बड़े फ़ैसले पर हैरानी जताते हुए और मुस्लिम डेवेलपमेंट के नाम से बनाई गई संस्था (जो महज़ एक छलावा और औपचारिक नाम है) का “लॉलीपॉप” देने पर अफ़सोस ज़ाहिर करते हुए कहा कि सरकार ने जिस तरह अपने कार्यकाल की शुरुआत में सरकार में मुस्लिम नुमाइंदगी की बात कहकर उनका वोट बैंक हासिल किया था, अब अपने आख़िरी दौर में न केवल इस वादे को पूरा करने में नाकाम रही बल्कि इसे पूरा करने की कोशिश भी नहीं कर रही।
मौलाना अमृतसरी ने मान सरकार से कहा कि उन्हें मुस्लिम डेवेलपमेंट बोर्ड नहीं बल्कि गुज्जर कल्याण बोर्ड चाहिए, क्योंकि पंजाब में गुज्जर मुसलमानों की तादाद क़रीब 5 लाख है, जो वोट के लिहाज़ से बहुत मज़बूत हैं, लेकिन आपने गुज्जर बिरादरी को पूरी तरह नज़रअंदाज़ कर दिया, जो बेहद अफ़सोसनाक है।
मान सरकार को चाहिए कि अगर वह पंजाब में आबाद 26 लाख मुसलमानों को अपने साथ लेकर नहीं चल सकती और उन्हें सरकार में कोई नुमाइंदगी नहीं दे सकती, तो कम से कम गुज्जर भलाई बोर्ड ही बना दे, ताकि गुज्जर बिरादरी अपने आपको ठगा हुआ महसूस न करे। पत्रकारों ने जब अगली रणनीति के बारे में पूछा तो मौलाना अमृतसरी ने कहा कि उनकी पंजाब की सियासत पर पूरी नज़र है। अगर मुस्लिम डेवेलपमेंट बोर्ड के नाम पर ठगा गया या गुज्जर कल्याण बोर्ड नहीं बनाया गया, तो आने वाले 2027 के चुनाव में इसका जवाब वोटों से दिया जाएगा।