जब हम सफ़ेद और काली धारियों वाला झंडा देखते हैं तो समझ जाते हैं कि यह क़ाफ़िला हमारी मदद के लिए आया है – सिख भाइयों ने जमीअत के मानवता प्रेम की सराहना की
नई दिल्ली, 24 सितम्बर। जमीअत उलमा-ए-हिन्द के अध्यक्ष मौलाना महमूद असअद मदनी की हिदायत पर आज लुधियाना स्थित जमीअत रिलीफ सेंटर से लगभग पचास लाख रुपये मूल्य की राहत सामग्री से भरे तीस ट्रकों का काफ़िला पंजाब के बाढ़ प्रभावित ज़िलों के लिए रवाना किया गया।
इस काफ़िले का नेतृत्व जमीअत उलमा हरियाणा, पंजाब और हिमाचल प्रदेश के नाज़िम-ए-आला मौलाना मोहम्मद यहया करीमी ने किया। यह काफ़िला सुल्तानपुर लोधी, कपूरथला, अज्नाला, तरनतारण, फ़ाज़िलका, गुरदासपुर, फिरोज़पुर, लुधियाना और अन्य प्रभावित क्षेत्रों के लिए रवाना हुआ।
रवाना होने के मौक़े पर जमीअत के केंद्रीय और स्थानीय जिम्मेदारों के साथ पंजाब सरकार के मंत्री, सामाजिक व राजनीतिक हस्तियां और बड़ी संख्या में सिख भाई मौजूद थे। स्थानीय सिख समुदाय ने जमीअत उलमा-ए-हिन्द की सेवा भावना की सराहना करते हुए कहा, “जब हम सफ़ेद और काली धारियों वाला झंडा देखते हैं तो समझ जाते हैं कि यह क़ाफ़िला हमारी मदद और दोस्ती के लिए आया है।”
इस अवसर पर मौलाना मोहम्मद यहया करीमी ने जमीअत के अध्यक्ष मौलाना महमूद मदनी का संदेश पढ़कर सुनाया। मौलाना मदनी ने अपने संदेश में कहा कि जमीअत उलमा-ए-हिन्द बिना किसी भेदभाव के इंसानियत की सेवा को अपना कर्तव्य मानती है। सारी दुनिया अल्लाह का परिवार है और अल्लाह के नज़दीक वही सबसे बेहतर इंसान है जो उसके परिवार से मुहब्बत करता है। हम अपने सिख भाइयों के साथ इस कठिन घड़ी में खड़े हैं। असली मदद करने वाला तो हमारा मालिक है, हम तो बस उसके बंदे हैं। और यह सब केवल अल्लाह की ख़ुशनूदी के लिए किया गया। सिख भाई पूरी दुनिया में इंसानियत की सेवा के लिए मशहूर हैं और जो दूसरों की मदद करता है अल्लाह भी उसकी मदद के लिए अपने नेक बंदों को भेजता है।
मौलाना यहया करीमी ने जानकारी दी कि जमीअत उलमा-ए-हिन्द के महासचिव मौलाना मोहम्मद हकीमुद्दीन क़ासमी की निगरानी में मेवात की पूरी टीम, मुफ्ती मोहम्मद सलीम , मुफ्ती मोहम्मद आरिफ़ कासमी (लुधियाना), हाजी नौशाद आलम लुधियाना जमीअत यूथ क्लब के कार्यकर्ता और जमीअत के पश्चिमी यूपी व गुजरात के जिम्मेदार पहले से ही प्रभावित इलाकों में दिन-रात राहत और पुनर्वास कार्यों में लगे हुए हैं, और यह टीम ज़रूरत पूरी होने तक मैदान में रहेगी।
काफ़िले की रवानगी के मौक़े पर मौजूद प्रमुख हस्तियों में मौलाना मोहम्मद यहया करीमी, मास्टर मोहम्मद क़ासिम, क़ारी मोहम्मद असलम, मुफ्ती सलीम, मुफ्ती मोहम्मद आरिफ कासमी,हाजी नौशाद आलम लुधियाना, हाजी मोहम्मद फ़ुरकान लुधियाना गियानी कीवल सिंह (पूर्व जत्थेदार तख़्त श्री दमदमा साहिब, करमजीत सिंह सरपंच खांसी कलां, अजीत सिंह सरपंच खांसी ख़ुर्द, पंजाब सरकार के मंत्री हरदीप सिंह मंडिया, मौलाना अलाउद्दीन (हापुड़), मुफ्ती अरशद मीर (गुजरात), मौलाना नूरुलबशर, मास्टर अरशद (मुज़फ्फरनगर), मास्टर जमी़ल, रहमतुल्लाह (पोकरण, राजस्थान), मौलाना इल्तमश लुधियानवी), मुफ्ती अनस मज़ाहिरी, हाजी जमाल (अमीर जमात जिला लुधियाना), हाफ़िज़ तस्नीम, दिलजीत सिंह गरेवाल, कुलदीप सिंह सैखों, गरमल सिंह गुल, गुरदीप सिंह, इंदरजीत सिंह (पूर्व सरपंच), ग्यान परगास ट्रस्ट बुढ़ीवाल के संरक्षक मेजर सिंह ग्यान परगास समेत अन्य गणमान्य लोग शामिल थे।
बाद में सुल्तानपुर लोधी में संत बलबीर सिंह सीचेवाल (सांसद, राज्यसभा) ने काफ़िले का गर्मजोशी से स्वागत किया और जमीअत के अध्यक्ष मौलाना महमूद असअद मदनी का विशेष धन्यवाद देते हुए जमीअत उलमा-ए-हिन्द की सेवाओं को ऊँचे शब्दों में सराहा।