गिल्ले ऑल में मुफ्ती मुहम्मद आरिफ लुधियानवी का संबोधन
गिल्ले ऑल,2 मई। जानकारी अनुसार हाजी मुहम्मद शरीफ सदस्य प्रबंधकीय कमेटी मदरसा अनवार उलूम समराला की बेटी खदीजा खातून के निकाह के अवसर पर गिल्ले आल में एक बड़ा कार्यक्रम आयोजित किया, जिस की अध्यक्षता एवं मंच संचालन का कार्य खादिमुल मसाजिद कारी मुहम्मद फुरकान मोहतमिम मदरसा उमर फारुक पब्लिक स्कूल अहमदगढ़ मंडी एवं कारी मुहम्मद तौसीफ नाजिम ए तालीमात मदरसा अनवारुल उलूम समराला ने अंजाम दिये। विशेष अतिथि के रूप में मुफ्ती मुहम्मद आरिफ लुधियानावी मुफ्ती ए शहर लुधियाना और अध्यक्ष जमीअत उलमा लुधियाना ने शिरकत की।
मुफ्ती मुहम्मद आरिफ लुधियानवी ने अपने संबोधन में कहा कि शादी एक इबादत है और इसे शरीयत और सुन्नत के मुताबिक निभाना एक बड़ा सवाब है।आपने कहा कि अंबिया, औलिया एव हर जमाने के लोगों ने निकाह से प्रतिबद्धता बनाए रखी। एवं इस फितनों भरे युग में निकाह ही सम्मान- अस्मिता की सुरक्षा का एक बड़ा साधन है। उन्होंने कहा कि दुनिया का इतिहास गवाह है कि निकहा से जिन लोगों या कौमों ने दूरी बनाई, वे लोग और कौमें ईश्वर को पाने का दावा करने के बावजूद अनैतिकता में लग गईं। और ऐसे लोगों में मां-बहन का भी अंतर खतम होकर रह गया। और खुदाई व्यवस्था से विचलन और विद्रोह का परिणाम यह निकला कि वे लोग जानवरों की तरह जीवन जी रहे हैं और मानसिक शांति की संपत्ति से पूरी तरह से वंचित हैं। और इसके उदाहरण आज की दुनिया में हर जगह देखे जा सकते हैं।
आपने कुरान और हदीस की रोशनी में शादी को सादगी और कम लागत पर लाने पर जोर दिया और कहा कि धन, अच्छी सांसारिक शिक्षा और समुदाय में अच्छे संबंधों की कमी जैसी चीजों के बहाने शादी में देरी करने की जो दर्दनाक श्रृंखला जगह जगह देखने को मिल रही है उसके भयानक परिणाम धर्मत्याग और बदकारी के रूप में सामने आ रहे हैं, इसलिए इस स्थिति का अंत समाज के प्रभावशाली लोगों की एक बड़ी जिम्मेदारी है।
हाजी मुहम्मद शरीफ ने सभी उपस्थित लोगों को धन्यवाद दिया, कारी मुहम्मद तौसीफ शिक्षा निदेशक मदरसा अनवार उलूम समराला के ने धार्मिक शिक्षा की उपयोगिता पर प्रकाश डाला और लगभग तीन बजे मुफ्ती मुहम्मद आरिफ लुधियानवी की दुआ के साथ विवाह समारोह समाप्त हुआ। कार्यक्रम में हाफिज मुहम्मद ताहिर मोहतमिम मदरसा अनवार उलूम समराला, शौकत अली, अमी दीन, प्रधान अली हुसैन खमानु वाले, हाजी मुहम्मद सिद्दीक रोपड़, मुहम्मद सिद्दीकी गिल्ले ऑल, गुलाम रसूल गिल्ले ऑल, मुहम्मद मासूम बोंदल, मुहम्मद कासिम बोंदल, मुहम्मद करम दीन चेहला , अबू बकर चमलौती और मुहम्मद अली हरियों आदि के नाम शामिल हैं।