नई दिल्ली, 28 अक्टूबर । भारतीय क्रिकेट टीम वर्ल्ड कप 2023 में विजय चल रही है। उसने अब तक अपने सारे मैच जीत लिए हैं। भारतीय टीम ने जिस अंदाज में मैच जीते हैं, उससे विरोधी टीमें खौफ में हैं। रोहित ब्रिगेड ने अब तक एक भी टीम को ना तो जीतने दिया और ना ही जीत के आसपास फटकने दिया।
यह कुछ ऐसा ही है, जैसा विराट कोहली की कप्तानी में भारत ने 2019 में खेले गए वर्ल्ड कप में किया था। तब भी भारत ने अपने पहले पांच मैच जीत लिए थे। इस बार भी भारत लगातार पांच मैच जीत चुका है। लेकिन जीत के इस सिलसिले को इंग्लैंड रोक सकता है। अंग्रेजों ने 2019 में यही किया था।
वर्ल्ड कप 2023 में भारत ने ऑस्ट्रेलिया को हराकर अपने विजय अभियान की शुरुआत की। इसके बाद उसने अफगानिस्तान और पाकिस्तान को हराया। भारत के इस विजयरथ को बांग्लादेश और न्यूजीलैंड भी नहीं रोक सके। अब भारत का मुकाबला रविवार को इंग्लैंड से होना है।
यह भारत का छठा मैच होगा। भारत इस मैच को जीतकर सेमीफाइनल में जगह पक्की कर सकता है। दूसरी ओर, इंग्लैंड की टीम सेमीफाइनल की रेस से तकरीबन बाहर हो चुकी है। इसलिए उसे हार का डर नहीं है। ऐसे में इंग्लिश क्रिकेटर ज्यादा खूंखार होकर मैदान पर उतर सकते हैं।
वर्ल्ड कप 2019 की बात करें तो भारत ने अपने पहले दो मैच में दक्षिण अफ्रीका और ऑस्ट्रेलिया जैसी दिग्गज टीमों को हराया था। इसके बाद भारत-न्यूजीलैंड मैच बारिश के कारण रद्द हो गया। भारत ने इसके बाद पाकिस्तान, अफगानिस्तान और वेस्टइंडीज को भी हराया। यानी भारत ने अपने पहले 5 मैच जीते, जबकि एक मैच रद्द रहा। इसके बाद उसका मुकाबला इंग्लैंड से हुआ, जिसमें मेजबान इंग्लैंड ने उसे 31 रन से हराया।
वर्ल्ड कप 2019 जैसी स्थिति वर्ल्ड कप 2023 में भी बन रही है। जीत के सफर पर आगे बढ़ रही भारतीय टीम का अब इंग्लैंड से मुकाबला होना है। दिलचस्प बात यह है कि तब इंग्लैंड मेजबान था और इस बार भारत मेजबानी कर रहा है। आंकड़ों में दिलचस्पी रखने वाले फैंस को यह बात सता रही है कि इंग्लैंड कहीं भारतीय टीम का जीत का सफर ना रोक दे।
जीत के इस सफर को भारतीय टीम के पूर्व कोच लालचंद राजपूत आंकड़ों की बजाय ‘लॉ ऑफ एवरेज’ के नजरिए से देखते हैं। वे कहते हैं कि खेल या किसी भी फील्ड में अक्सर ‘लॉ ऑफ एवरेज’ देखने को मिलता है। इसे सामान्य शब्दों में कहें तो लगातार जीतना या चोटी पर रहना बेहद मुश्किल होता है। बेहतरीन खेल रही टीमों को भी अपने सफर में कभी ना कभी हार का सामना करना पड़ता है।
यह बात भारतीय टीम पर भी लागू हो सकती है। लालचंद राजपूत कहते हैं, ‘अगर भारतीय टीम पर लॉ ऑफ एवरेज लागू ही होना है तो बेहतर होगा कि यह लीग मैच में ही हो जाए। ऐसा ना हो कि यह ‘लॉ ऑफ एवरेज’ नॉकआउट मैचों में लागू हो जाए। कम से कम कोई भी भारतीय फैंस ऐसा नहीं चाहेंगे।’
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